जाट बाजार सीकर राजस्थान


केवल राजस्थान ही नहीं अपितु सम्भवतः पूरे देश में
 "जाट बाजार" नाम से यह अकेला बाजार है जो सीकर जिला मुख्यालय पर 1937 ईस्वीं में यानि आज से 83 वर्ष पूर्व ग्राम बिडोली के चौधरी शिवबक्ष राम मावलिया द्वारा स्थापित यह हुवा, उनकी हवेली सीकर के प्रधान डाकघर के पास आज भी गर्व से इसी बीच बाजार खड़ी है । इसके नामकरण की गजट अधिसूचना इसकी स्थापना के पूरे 30 वर्ष बाद राजस्थान सरकार द्वरा 18 जुलाई, 1967 को अधिसूचित की गई जिसमें इसका सीमा ज्ञान इस प्रकार कराया गया है:- "सूरजपोल दरवाजे से पूर्व की ओर तेलियों के कुए व सब्रशाह बानी की कब्र तक की सड़क के दोनों ओर, जाट बाजार के चौराहे से स्टेशन रोड पर बने लक्ष्मी भवन तक की सड़क के दोनों ओर तथा यहीं से बावड़ी गेट तक की सड़क के दोनों ओर, तबेला बाजार में तनसुखराम लक्ष्मीनारायण की हवेली तक की सड़क के दोनों ओर तथा सूरजपोल दरवाजे से गोविन्दराम रामदेव की दुकान तक की सड़क के दोनों ओर" यह है इस ऐतिहासिक बाजार की सीमा। इसके अलावा एक जाट बाजार खाटू श्यामजी में भी कहा जाता है मगर उसकी कोई गजट अधिसूचना संज्ञान में नहीं है तथापि एक नया "जाट बाजार" रींगस के समाज बंधुओं ने राष्ट्रीय राजमार्ग सं. 11 के मिल तिराहा बस स्टेण्ड पर
(वर्ष 2016) बना कर नगर पालिका रींगस से नामांकित करवाया है परंतु 83 साल पुराना सीकर का ऐतिहासिक जाट बाजार जिले की 56% जाट आबादी की असल गौरवशाली धरोहर है |

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