जाट धर्मशाला कुरुक्षेत्र हरयाणा

यात्रियों का आश्रयस्थल जाट धर्मशाला..
 कुरुक्षेत्र पर्यटक नगरी होने के नाते यहां पर भारत के अलग-अलग राज्यों से पर्यटक एवं यात्री आते रहते हैं। उनके ठहरने के लिए यहां पर अनेक धर्मशालाएं हैं। कुरुक्षेत्र को यदि धर्मशालाओं की नगरी कहा जाए तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। कुरुक्षेत्र में अनेकों धर्मशालाएं बनी हुई हैं। लेकिन इन सबमें विशेष आकर्षण जिस धर्मशाला का है वो है जाट धर्मशाला। जाट धर्मशाला का मुख्य द्वार बहुत ही आकर्षक है। निर्माण शैली की दृष्टि से यह अपने-आप में अद्भुत एवं अनूठा है। जाट धर्मशाला सन् 1968 में बननी शुरू हुई, सन् 1971 में यह पंजीकृत हुई। इस धर्मशाला में हर रोज हजारों यात्री आकर रूकते हैं। धर्मशाला में यात्रियों के रूकने के लिए 415 कमरों की व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त अनेक हॉल यात्रियों की सुविधा के लिए यहां पर बनाए गए हैं। वीआईपी ब्लॉक आधुनिक सुविधाओं से सम्पन्न है। इसके साथ ही यहां का भण्ड़ारा जो 24 घंटे यात्रियों के लिए सदैव खुला रहता है, जिसमें कोई भी व्यक्ति किसी भी समय आकर खाना खा सकता है। इस धर्मशाला में एक सुन्दर मंदिर भी स्थापित है। इसके अतिरिक्त सर्वधर्म, सर्वजातीय लोगों के लिए जाट धर्मशाला के दरवाजे सदैव खुले रहते हैं। यही कारण है कि यहां पर दक्षिण भारत के अनेक पर्यटक आकर हरियाणवी मेहमाननवाजी का आनंद लेते हैं। 
                                                  धर्मशाला के मुख्य द्वार का चित्र 

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