झुंझुनूं जिले के जाट परिवार से तीन सगी बहनें, तीनों नेशनल खिलाड़ी, अब तीनों सरकारी सेवा में
झुंझुनूं जिले के छोटे से गांव के जाट परिवार से जन्मीं तीन सगी बहनें अब जिले की अन्य युवतियों के लिए मिसाल बनी हुई है। वॉलीबाल की नेशनल खिलाड़ी रही तीनों बहनें अब सरकारी सेवा में रहकर परिवार व गांव का नाम रोशन कर रही है। खास बात है तीनों की प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल में हुई। परिवार गांव में रहता था। घर में खेती का काम खूब था। गाय-भैंस भी रखते थे। मेरे जन्म के करीब 9 वर्ष बाद मेरी छोटी बहन हुई। मां खेती संभालती थी तो एक परेशानी आई, मां खेती संभाले या नवजात बहन को संभाले। पड़ौसियों व अन्य लोगों ने मां से कहा बड़ी बेटी (मनेष) की पढाई छुड़वा दो। वह गाय-भैंस चरा लेगी। बेटियों को तो वैसे भी ससुराल जाकर रसोई व खेत ही संभालने हैं। मेरी पढ़ाई छुड़वाने के लिए मां पर खूब दबाव डाला, लेकिन मेरी मां ने पढ़ाई नहीं छुड़वाई। छोटी बहन को संभाला और खेती का काम भी किया। आज नतीजा यह है कि मैं सीआइडी (इंटेलीजेंस) में इंस्पेक्टर हूं।
यह कहना है उदयपुरवाटी उपखंड के गिलों की ढाणी (गांव भोड़की) की रहने वाली मनेष गिल का। मनेष ने बताया कि मेरे कॅरियर में सबसे महत्वपूर्ण योगदान मेरी मां पुष्पा देवी का है। खुद ज्यादा पढ़ी हुई नहीं है, लेकिन उसने पढाई का महत्व समझा। अगर उस दिन वह सभी के कहने पर मेरी पढाई छुड़वा देती तो शायद आज मैं इस पद पर नहीं पहुंचती। वॉलीबाल की राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुकी मनेष अभी झुंझुनूं में तैनात है।
पहली से बारहवीं तक की पढाई उसने सरकारी स्कूल से की। पुलिस सेवा में रहते हुए उसे कई अवार्ड मिल चुके। उसे उत्तम व अति उत्तम सेवा चिह्न से नवाजा जा चुका है। पुलिस के खेलों में भी वह कई पदक जीत चुकी।
मनेष तीन बहनों में दूसरे नंबर की है। उसकी बड़ी बहन राजकुमारी सरकारी स्कूल में शिक्षक है। छोटी बहन किरण भी बड़ागांव के सरकारी विद्यालय में शिक्षक है। खास बात यह है कि तीनों ही बहन वॉलीबाल की राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी रह चुकी। अपने-अपने क्षेत्र में नाम रोशन कर रही है। तीनों की ही प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल में हुई।
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