देश के एकमात्र आईआईटियन राजनेता जो 8 बार सांसद 4 बार मंत्री रहें आज उनकी प्रथम पुण्यतिथि है।

सोई हुई कौम को जगाने वाले,किसान कौम के लिये वर्षों तक लड़ाई लड़कर सरकारों से चट्टान की तरह अडिग रहकर हमारे अधिकारो के लिए हमें संघर्ष करना सिखाया,1949 में चौधरी साहब ने ही सबसे पहले गांवो के लोगो के लिए 50 फीसदी हिस्सा मांगा था,वो चौधरी अजीत सिंह ही थे जिन्होंने 1994 में 131 सांसदो के हस्ताक्षर पत्र को पीएम को सौंपा था उनकी बदौलत ही जाटों को आरक्षण मिला था।आज हम जो भी है उनकी वजह से ही है।




Chaudhary Ajit Singh

 
🔸 केंद्रीय मंत्री रहते हुए गन्ने मिलों की दूरी 25 km से घटकर 15 km की जिस से यूपी में दर्जनों शुगर मिल ओर लगाई गई,
🔸केंद्रीय नागरिक मंत्री रहते हुए एयर इंडिया को घाटे से उबारा, मंत्री रहते हुए 10 नई फसलों को एमएसपी में शामिल करवाया,
🔸 फसल को दूसरे जिलों में नहीं बेचने के कानून को खत्म करवाया खुद ट्रैक्टर चलाकर दुसरे जिले की मंडी में ले गए।
🔸बागपत,शामली युवाओं के लिए पुलिस में विशेष भर्ती करवाई।
🔸 सस्ती दरों पर कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए।


🔸खेती पर टैक्स लगाने का विरोध करते हुए कृषि मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
🔸8 अप्रैल 2008 को भाकियु संस्थापक बाबा महेंद्र सिंह टिकैत के समर्थन में सीधे सिसौली पहुंच गए ओर सरकारों को उनकी हुंकार के आगे झुकना पड़ा।
"उनकी चुनाव हार के बाद बागपत में चूल्हे नहीं जले थे,हार के बाद उन्होंने कहा समाज में सद्दभावना बनी रहें ये मेरी सबसे बड़ी जीत है।"
🔸तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के साथ मजबूती से खड़े रहें।


किसानों के लिए सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष करने वाले #किसान_मसीहा #चौधरी_अजीत_सिंह जी की प्रथम पुण्यतिथि पर सादर नमन।
आपके बिना ये कौम असहाय हो गई है,आईआईटी टेक्नोक्रेट से राजनेता बने चौधरी अजीत सिंह सादगी सरलता ओर बेबाकी के लिए याद करे जायेंगे। सत्ता रही न रही किसानों के दिलो पर हमेशा राज किया।।

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