शहीद नरेश कुमार, भालोथ, झुंझुनूं, 7 जुलाई, 1999
बुहाना तहसील के भालोठ गांव में 12 जुलाई 1977 को जन्मे नरेश कुमार ने शौर्य अौर शहादत की अपने परिवार की परंपरा को निभाया। उनके पिता धर्म चंद भी सेना थे अौर उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध में भी भाग लिया था। इसी कारण होकर नरेश कुमार में भी देश सेवा का जज्बा था। वीरांगना मनोज देवी बताती हैं, वे बहुत जांबाज थे, घर-परिवार की भी पूरी चिंता करते थे। जब भी ड्यूटी पर जाते तो वहां से पत्रों में अपने बारे में कम, परिवार के बारे में ज्यादा पूछते थे। मुझे बराबर भळावण देते रहते थे। वे सात जुलाई, 1999 को शहीद हो गए, लेकिन सरकार की अोर से मेरे पुत्र को आज तक सरकारी नौकरी नहीं मिल पाई है। कहते हैं, अब नियम बदल गए, उस समय मेरा बेटा छोटा था। शहीदों को लेकर बहुत से बातें की जाती हैं, लेकिन मैं जहां भी बेटे के लिए बात करने जाती हूं, अर्जी लेकर रख लेते हैं, जवाब नहीं मिलता, लेकिन मेरे लिए इससे बड़ी अौर कोई बात नहीं है कि मैं एक शहीद की वीरांगना हूं।
शहीद नरेश कुमार
शहीद नरेश कुमार
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