कारगिल शहीद श्री बजरंग लाल नैन

राजस्थान में चुरू जिले के सिपाही बजरंग लाल नैन (1975-1999)  कारगिल युद्ध के शहीद हैं।

वह 22 जून 1999 को पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान शहीद हो गए, टोलोलिंग चोटी के लिए लड़ रहे थे। वह भारतीय सेना की 28 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट -224 मेडियम रेजिमेंट से थे।
प्रशांत नैण कारगिल शहीद बजरंगलाल के बेटे कहते हैं
 पिता शहीद बजरंगलाल की शहादत पर मुझे व मेरे परिवार को ही नहीं बल्कि पूरे गांव को गर्व है और हमेशा रहेगा। कारगिल युद्ध में ऑपरेशन विजय के दौरान मेरे पिता बजरंगलाल नैण 22 जून 1999 को दुश्मनों से लोहा लेते समय शहीद हो गए। मैं अपने पिता पर गर्व महसूस करता हूं और हमेशा उनसे प्रेरित रहा हूं। दादाजी एवं रिश्तेदारों की प्रेरणा से मेरे पिता दिसंबर 1995 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। परिवार में सेना के प्रति हमेशा से ही लगाव रहा है। दादा, चाचा, मामा आदि भारतीय सेना में हैं और रहे थे। पिता के मन में भी सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने का जज्बा था। 

सुल्खनिया बड़ा के पितराम नैण व अनकोरी देवी के पुत्र बजरंगलाल नैण का जन्म 17 अप्रैल 1975 को हुआ था। गांव के सरकारी स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के बाद निजी स्कूल में पढ़ाना भी शुरू किया था। इसी दौरान झुंझुनूं में सेना की ओपन रैली में शामिल हुए और दिसंबर 1995 में आर्टिलरी सेंटर नासिक में सेना में भर्ती हुए। गनर बजरंगलाल नैण सियाचीन ग्लेशियर पुरस्कार से भी सम्मानित किए जा चुके हैं, वहीं 28 आरआर में तैनात रहते समय मेघदूत पुरस्कार तथा खेलों में रूचि होने पर यूनिट कमांड्स गेम्स में साइक्लिंग में पदक देकर सम्मानित किया गया था। हालांकि पिता की शहादत के समय मेरी उम्र महज 5 वर्ष की थी, परंतु युवावस्था में आने के बाद मुझे अपने परिवार व पिता के दिल में सेना तथा राष्ट्र सेवा के प्रति जो भावना थी, उसका अहसास हुआ। मां राजकुमारी नैण की भी शुरू से ही इच्छा थी कि उनके पुत्र भी पिता की तरह देश व परिवार का नाम रोशन करें। छोटे भाई सौरभ फिलहाल सेना में हैं। मैं यूपीएससी क्लियर करने के प्रयास में हूं। हमारे गांव में 100 से अधिक सैनिक हैं। मेरे पापा 224 मीडियम रेजीमेंट में पी गनर बजरंगलाल नैण की शहादत गांव में बने शहीद स्मारक में हर वर्ष मनाई जाती है। इस मौके पर गांव के लोग भी मौजूद रहते हैं व मुझे अपने पिता की शहादत पर फक्र होता है। शहीदों को शत्-शत् नमन! जय हिन्द!

Sepoy Bajrang Lal Nain (1975-1999) is a Martyr of Kargil war from Rajasthan.

He became martyr on 22 June 1999 during War with Pakistan fighting for Tololing peak. He was from Unit-224 Mediam regiment, 28 Rashtriya Rifles of Indian Army.

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