दो आतंकियों को मार कर शहीद हुए थे विशाल चौधरी
उत्तरप्रदेश के जहांगीराबाद क्षेत्र के गांव रौंडा निवासी विशाल चौधरी पुत्र दीनदयाल चौधरी कश्मीर के नौगाम सेक्टर में तैनात थे। शुक्रवार जुलाई 2016 की रात नौगाम सेक्टर में तैनात जवानों ने संदिग्ध हलचल देखी। आंतकी घुसपैठ को देख विशाल और उसके साथी जवानों ने सरेंडर के लिए ललकारा। जिसके बाद आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी।
आंतकियों के साथ जवानों की जमकर मुठभेड़ चली। इसमें दो आतंकी ढेर हो गए , जबकि बुलंदशहर का लाल विशाल चौधरी शहीद हो गए। इसके अलावा दो जवान घायल भी हो गए। विशेष विमान से शहीद विशाल चौधरी का शव कुपवाड़ा से दिल्ली लाया गया। शहीद का शव आते ही गांव में भारत माता की जय और विशाल चौधरी अमर रहे के नारे लगने लगे। पूरा माहौल गर्वमय गमगीन हो गया। अपने लाल को एक बार देखने के बाद ग्रामीणों की आंख भर आई। एसडीएम राहुल यादव की मौजूदगी में पूरे सैनिक सम्मान के साथ नम आंखों से शहीद विशाल चौधरी को अंतिम विदाई दी गई।
मरणोपरांत शहीद विशाल चौधरी को सेना मेडल से सम्मानित किया गया |
शहीद विशाल चौधरी माता-पिता और परिवार का एकमात्र सहारा थे। पूरा गांव अपने लाल को खोने के गम में था। गांव के किसी भी घर में उस दिन लाल की शहादत के बाद चूल्हे नहीं जले |
शहीद के पिता दीनदयाल चौधरी ने विशाल का जीवन परिचय देते हुए उनके अदम्य साहस के बारे में बताया। कहा कि 30 वर्षीय विशाल कश्मीर की 18 जाट रेजीमेंट के जवान थे। 31 जुलाई 2016 को वे नौगांव स्थित डेंजर चौकी पर तैनात थे। उस दौरान विशाल को आतंकवादियों ने गोली मार दी थी, लेकिन शहीद होने से पहले उन्होंने दो आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। इस दौरान उनकी मां कश्मीरी देवी, पत्नी मधु, भाई विजेंद्र, प्रेमपाल, भाभी सुशील देवी व शहीद के मासूम बच्चों हर्ष, खुशी व रिचा समेत क्षेत्रवासियों की आंखें नम हो गईं।
Comments
Post a Comment